ब्लैकलिस्ट होने के बाद कंपनी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज

एलईडी लाइट लगाने का कॉन्टै्रक्ट पाने वाली कंपनी व्हाइट पिलाकार्ड को ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई शुरू होने के बाद अब इसके खिलाफ धोखाधड़ी का केस भी दर्ज हो गया है। इस मामले में नगर निगम की ओर से आज थाना सिहानी गेट में कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गई है। यह तहरीर नगर निगम के स्ट्रीट लाइट विभाग में तैनात अवर अभियंता गजेंद्र शर्मा की ओर से दी गई है।



जिसमें कंपनी पर दो मुख्य आरोप लगाये गये हैं। पहला आरोप है कि कंपनी ने 3.36 करोड़़ रुपये निगम से हासिल करने के बाद काम छोड़ दिया। दूसरा आरोप कंपनी पर है कि उसने कुल मिलाकर करीब 34 हजार पुरानी स्ट्रीट लाइट के स्थान पर इससे लगभग 10हजार लाइट ज्यादा बताई हैं। इस मामले में कंपनी के खिलाफ नगर निगम द्वारा तहरीर दिये जाने के बाद अब कंपनी प्रबंधकों की टेंशन कई गुना बढ़ गई है।


कंपनी व्हाइट पिलाकार्ड और नगर निगम के बीच 2016 में शहर की पुरानी स्ट्रीट लाइट के बदले करीब 52 हजार पोल्स पर नई एलईडी लगाने का अनुबंध हुआ था। कंपनी को चिन्हित करने का काम शासन स्तर पर किया गया और मई 2016 में कंपनी के साथ नगर निगम ने एमओयू साइन कियाा। एमओयू साइन होने के बाद ही कंपनी ने काम करना शुरू कर दिया। कंपनी ने कई बार नगर निगम से पैसे के भुगतान करने के लिए डिमांड बिल जारी किया। बाद में शासन की स्वीकृति के बाद कंपनी को 3.36 करोड़ रुपये का भुगतान इसी वित्तीय वर्ष में किया गया।