फसल खरीदने के लिए बनेगी वैकल्पिक मंडी

प्रदेश सरकार ने लॉक डाउन के कारण किसानों की सरसों और गेहूं की फसल खरीदने के लिए 10-10 गांवों के बीच वैकल्पिक मंडी बनाने की नई योजना तैयार की है। इसके अलावा अपनी फसल, अपना ब्यौरा के तहत फसल बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने से वंचित जिले के किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 19 अप्रैल तक दोबारा कराने की छूट दी गई है। प्रदेश सरकार ने 10 गांवों के बीच आढ़तियों के सहयोग से वैकल्पिक मंडी बनाने का फैसला किया है। सरकार का यह फैसला कोरेना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए किया गया है। ताकि सामाजिक दूरी का पालन किया जा सके। 15 अप्रैल से 20 अप्रैल तक सरसों और 20 अप्रैल से गेहूं की फसल खरीदी जाएगी। अपनी फसल-अपना ब्यौरा के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराने की 19 मार्च तक छूट दी गई है। सरकार का मानना है कि हर किसान सरकारी दर पर फसल बेचने के लिए मार्केट कमेटी कार्यालय में पहुंच कर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकता है।


मार्केट कमेटी के सचिव रोहताश ने बताया कि प्रदेश सरकार के अनुसार सभी किसानों की फसल खरीदी जाएगी। उन्होंने कहा कि फिरोजपुर झिरका उपमंडल के गांवों के बीच वैकल्पिक मंडी बनाने के लिए योजना शुरू की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि किसानों की फसल की कीमत 24 घंटे में आढ़तियों के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार पहले रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों की फसल खरीदने के लिए बाध्य है, उसके बाद अन्य किसानों की फसल खरीदेगी।
प्रदेश सरकार के इस फैसले से जिले के किसानों में खुशी का माहौल है। किसान उमर मोहम्मद, जोरू, सलीम, हाजी फारुख ने गांवों के बीच वैकल्पिक मंडी बनाने के फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद किया।